Sunday 23 December 2018

नसीरुद्दीन शाह की अभिव्यक्ति की आजादी तमीजी है या बदतमीजी..!

प्रभात रंजन दीन
फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कह दिया कि उन्हें अब अपने देश में डर लगता है। नसीरुद्दीन शाह ने यह नहीं कहा कि उन्हें किस देश में डर नहीं लगता है। लेकिन उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी ने उन्हें पाकिस्तान जाने का हवाई टिकट भेज दिया। अमित जानी ने नसीरुद्दीन शाह को 14 अगस्त का हवाई टिकट भेजा है, जिस दिन पाकिस्तान की आजादी का दिवस होता है।
भारतवर्ष में अभिव्यक्ति की आजादी है, इसलिए जिसे जो मन होता है, बोलता है। लेकिन नसीरुद्दीन शाह जैसे महत्वपूर्ण लोगों को क्या बोलना है और कैसे बोलना है कि देश का सामाजिक समरसता और व्यवहारगत संतुलन न बिगड़े, इसका ध्यान तो रखना ही चाहिए। ऑस्ट्रेलिया में गलत तरीके से आउट किए जाने पर विराट कोहली जब अपनी स्वाभाविक प्रतिक्रिया जताते हैं तो मुम्बई में बैठे नसीरुद्दीन शाह विराट कोहली को बदतमीज कहते हैं, लेकिन अपनी बोली में तमीज का ख्याल नहीं रखते। अगर विरोध हो तो नसीर अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला भी देने लगते हैं। उन्हें विराट कोहली की अभिव्यक्ति की आजादी नहीं समझ में आती, केवल अपनी ही समझ में आती है। मशहूर पूर्व क्रिकेटर सैयद किरमानी ने कहा भी कि विराट कोहली को बदतमीज कहने का नसीरुद्दीन शाह को कोई हक नहीं है। कोहली की प्रतिक्रिया उसका नैसर्गिक अधिकार है। नसीरुद्दीन शाह की बोली से देशभर में प्रतिरोध के स्वर उठने लगे। इस प्रतिरोध में तर्क भी हैं और कुतर्क भी। नसीरुद्दीन शाह ने राजनीतिकों को भी मौका दिया। बहरहाल, अभिव्यक्ति की आजादी की इसी तमीजी और बदतमीजी पर ‘इंडिया वाच’ न्यूज़ चैनल ने चर्चा आयोजित की... आप भी देखें, सुनें और विचार दें।

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