Saturday 24 October 2020

कौन बनेगा कुलपति... भ्रष्टाधिपति या मूढ़मति..!

भ्रष्टाचार की भाषा का विश्वविद्यालय... कौन बनेगा कुलपति..!

लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में राजभवन, सरकार, संघ और कुछ खास नेताओं की सरपरस्ती में चल और पल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने में हमारे पिछले दो न्यूज़ वीडियो प्रोग्राम समर्पित रहे। भाषा विश्वविद्यालय के पिछले दो कुलपतियों डॉ. अनीस अंसारी और प्रो. माहरुख मिर्ज़ा ने प्राध्यापकों की नियुक्ति में किस तरह घनघोर अनियमितताएं कीं, किस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शिक्षा परिसर में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और किस तरह राजभवन यानी कुलाधिपति कार्यालय मौन सहभागी बना रहा, इसका आपने संक्षिप्त दृश्य उन दो कार्यक्रमों में देखा। संक्षिप्त इसलिए, कि भाषा विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का महाग्रंथ है, एक-एक अध्याय खोलते जाएं और असीमित अनैतिकता का वीभत्स दृश्य देखते जाएं। भाषा विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति को लेकर जोड़तोड़ का माहौल सरगर्म है। सिफारिशें, लॉबी'इंग, दबाव, लुभाव, बैठकें और कानाफूसियां चल रही हैं। लेकिन कहीं भी किसी भी चर्चा में यह चिंता नहीं है कि शिक्षा में फैले भ्रष्टाचार को कैसे खत्म किया जाए। विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद पर भ्रष्टाधिपतियों या चाटुकार मूढ़मतियों की नियुक्तियां न हों, इस पर कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही। भाषा विश्वविद्यालय अकेला नहीं है... लखनऊ विश्वविद्यालय से लेकर तमाम विश्वविद्यालयों के मौजूदा कुलपतियों की नैतिक, शैक्षिक और बौद्धिक क्षमता खंगालें तो आपको शिक्षा परिसरों के नैतिक और बौद्धिक दीवालिएपन यानी Moral & Intellectual Bankruptcy की वजहें पता चल जाएंगी। आइये देखते हैं भाषा विश्वविद्यालय का कौन बनता है कुलपति... भ्रष्टाधिपति या मूढ़मति..!