आज़म खान और मुख्तार अंसारी जैसे लोगों पर बदनाम होने का कोई असर नहीं होता। ये दोनों नाम उत्तर प्रदेश क्या, देशभर के लोग जानते हैं। इनकी करतूतें और इनकी कुख्याति देश-दुनिया में फैल चुकी हैं। ये दोनों शख्स जेल में हैं। प्रचार बहुत है कि उत्तर प्रदेश में माफियाओं और सफेदपोश सरगनाओं पर बाबा का बुल्डोजर चल रहा है... लेकिन जमीनी असलियत कुछ और ही है। आप तथ्यों में जाएंगे तो खास तौर पर पाएंगे कि आज़म खान पर हो रही अदालती कार्यवाहियों और शासनिक कार्रवाइयों में बिल्कुल विपरीत का अंतर है। अदालती कार्यवाहियां ऊपर-ऊपर केवल पत्तों पर लक्षित हैं। योगी सरकार की कृपा से आज़म की जड़ें बिल्कुल प्रोटेक्टेड हैं। साफ-साफ प्रतीत होगा कि आज़म खान को योगी आदित्यनाथ सरकार का संरक्षण मिल रहा है। दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश विधानसभा का प्रोटेक्शन मिलता रहा है। यहां तक कि इसके लिए विधानसभा-तंत्र ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी भ्रमित सूचनाएं देने से परहेज नहीं किया। विधानसभा के शीर्ष तंत्र की अनैतिक-कृपा के कारण मुख्तार की जड़ों में खाद-पानी निर्बाध गति से पहुंचता रहा। कुछ पत्ते उखाड़ कर सरकार प्रचार का सुख बटोरती रही। आप भी देखें, सत्ता और सियासत में क्या-क्या मक्कारियां होती हैं, दिखती कुछ हैं, पर होती कुछ और हैं...
Thursday 28 April 2022
Thursday 14 April 2022
संसद से पास विधेयक 'एडवांस अलर्ट मैसेज' है...
Bill passed by Parliament is an Advance Alert Message...
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