Sunday 30 January 2022

अखिलेश जी, यह घोटाला था या फ्रॉड..?



मेरे पिछले तीन कार्यक्रम मुलायम सिंह यादव की आय से अधिक सम्पत्ति की सीबीआई जांच से लेकर उनके और उनके पुत्र अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल के भ्रष्टाचार पर आधारित थे। अखिलेश यादव के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के इतने कारनामे हुए कि उन पर एक उपन्यास लिख जाए। उनमें से कुछ चुनींदा उदाहरण आपके समक्ष क्रमवार प्रस्तुत कर रहा हूं। आज का कार्यक्रम अखिलेश के मुख्यमंत्रित्व में हुए ऐसे विचित्र भ्रष्टाचार पर आधारित है जिसकी पृष्ठभूमि मायावती-काल में बनी और अखिलेश-काल में पकी। इसे आप घोटाला कहेंगे या फ्रॉड..? या दोनों ही..? आप भी देखें और तय करें...

Sunday 23 January 2022

नेता बनने को बेताबः लोकतंत्र की कब्र खोद डालेंगे नौकरशाह



राजनीति में आने को बेताब नौकरशाह देश के पूरे शासन तंत्र को अपने कब्जे में लेना चाहते हैं। नौकरशाहों का राजनीति में पसरना लोकतंत्र के लिए अत्यंत घातक साबित होने वाला है। नेताओं को यह समझ में नहीं आता... भारत के नेता समझदार ही होते तो सत्तर साल बेमानी थोड़े ही गुजर जाते। आज लोगों के दिमाग में यह नैरेटिव इंजेक्ट किया जा रहा है कि नौकरशाहों के राजनीति में आने से आपराधिक छवि या अयोग्य लोगों के राजनीति में प्रवेश पर अंकुश लगेगा। लेकिन शातिर नौकरशाहों ने पिछले सत्तर साल में क्या किया..? नौकरशाहों ने जिस तरह देश की लोकतांत्रिक प्रशासनिक व्यवस्था (democratic system of governance) छिन्न-भिन्न की है, उसी तरह वे लोकतंत्र को भी छिन्न-भिन्न कर देंगे... इससे हमें सतर्क रहने की जरूरत है। राजनीति में पद पाने के लिए छटपटाते नौकरशाहों की भीड़ के समक्ष हम उन दो नौकरशाहों का उदाहरण भी रख रहे हैं जिनके योगदान से भारत को 'संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य' के रूप में खड़े होने की शक्ति मिली... आपसे आग्रह है कि यह कार्यक्रम देखें। आप शातिर नौकरशाहों के मंसूबों के प्रति सतर्क भी होंगे और दो राष्ट्रभक्त नौकरशाहों के अभूतपूर्व योगदान पर गर्व भी करेंगे, जिनके योगदान नेताओं ने सरकारी फाइलों में दबा दिए...

Thursday 20 January 2022

यूपी का रिकॉर्डः दुनिया का सबसे लंबे समय का ऊर्जा घोटाला



2016-17 से 2042 तक होता रहेगा उत्तर प्रदेश का अरबों का नुकसान।
सपाई अखिलेश यादव और कांग्रेसी कमलनाथ के बीच 25 साल का करार।
प्रदेश से अरबों की राशि लुट गई, योगी सरकार भी आंखें मूंदे रह गई।
इस कार्यक्रम में आप देखेंगे सबसे लंबी अवधि तक सरकारी धन लूटने का महाघोटाला। हम भ्रष्टाचार के उन प्रसंगों को उठा रहे हैं जिसमें अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बतौर सीधे शामिल रहे हैं। सार्वजनिक मंच पर पत्रकार के चरित्र पर उंगली उठाने वाले समाजवादी-संस्कार-पुरुष अखिलेश यादव के अपने कृत्य कैसे हैं, इसकी आपको असलियत दिखाते हैं... थोड़ा समय निकालिए और देखिए...

Thursday 13 January 2022

भ्रष्टाचार के दलदल में धंसी है सपा की अट्टालिका

खुद का गंदा गिरेबां निहारा करो, उंगलियां यूं न बेसबब उठाया करो,
मीठा गन्ना तो तुमने है चूसा बहुत, नीम की पत्तियां भी चबाया करो।
लाख की इमारत में रहते हो खुद, आग का डर न दिखाया करो,
छद्म कब तक रचोगे सोचो जरा, अपने कृत्यों पर कभी तो लजाया करो...

Monday 10 January 2022

भ्रष्टाचारवाद की जय, समाजवाद की क्षय

 
 

Glorifying Corruption-ism, Defying Social-ism
पीयूष जैन और पुष्पराज जैन के यहां छापे में मिले सैकड़ों करोड़ रुपए और करोड़ों का सोना मुलायम-अखिलेश परिवार का।
अखिलेश यादव का देश से लेकर विदेशों तक कई फार्म हाउस, चल-अचल सम्पत्तियां और लंदन में 7 स्टार होटल।
अखिलेश यादव, प्रतीक यादव और प्रतीक के साले अमन सिंह बिष्ट की दर्जनों फर्जी कंपनियां। एक ही पते और एक ही फोन नंबर पर रजिस्टर्ड हैं 16 फर्जी कंपनियां।
आयकर विभाग को भेजा गया फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपए के लेनदेन का प्रमाण, आयकर विभाग बेअसर।
यादव-कुनबे की फर्जी कंपनियों के जरिए माफिया सरगना छोटा शकील के करीबियों को हुए करोड़ों रुपए के भुगतान।
मुलायम परिवार की आय से अधिक सम्पत्ति की जांच की सीबीआई ने की लीपापोती। सीबीआई ने ही दाखिल कर दी फर्जी रिपोर्ट।
गोमतीनगर की बेशकीमती जमीनों की कौड़ियों के भाव हुई थी खरीद। मुलायम के रिश्तेदारों, नौकरशाहों, चाटुकारों और दलालों ने आपस में बांट ली थी करोड़ों की जमीनें। सीबीआई उस पर भी चुप।
मुलायम ने 2019 के लोकसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे में दर्ज नहीं किया था अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा। चुनाव आयोग ने शिकायत के बावजूद ध्यान नहीं दिया।
मुलायम-कुनबे की आय से अधिक सम्पत्ति का पर्दाफाश करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी की जनहित याचिका गुत्थियों में उलझा दी गई।
सरकारी तंत्र, निगरानी तंत्र, प्रशासनिक तंत्र, अदालती तंत्र... सब जप रहे भ्रष्टाचारवाद की जय और कर रहे समाजवाद की क्षय।

Tuesday 4 January 2022

अब लालू से कभी हाथ नहीं मिलाएंगे नीतीश



भ्रष्टाचार के पर्याय लालू से अब कभी हाथ नहीं मिलाएंगे नीतीश।
स्वच्छता के हिमायती नीतीश कुमार का भ्रष्टाचार के खिलाफ 'ज़ीरो-टॉलरेंस'।
नीतीश कुमार और लालू यादव का रास्ता और आचार-विचार दोनों अलग-अलग।
सुशील मोदी को बिहार की राजनीति से अलग करना भाजपा नेतृत्व की अदूरदर्शिता।
अंगीभूत कॉलेजों के प्राध्यापकों को बीस-बीस साल से वेतन नहीं दिया जाना संज्ञेय अपराध।
प्राध्यापकों का वेतन भुगतान शुरू हो, इसके लिए नीतीश कुमार जल्दी उठाएं सख्त कदम।
बिहार की छवि निखारने और विकास करने पर है नीतीश का एकमात्र ध्यान।
नीतीश कुमार के कॉलेजिया दोस्त इं. नरेंद्र कुमार सिंह ने दी और भी कई रोचक जानकारियां।
आप भी सुनें...