Monday 10 January 2022

भ्रष्टाचारवाद की जय, समाजवाद की क्षय

 
 

Glorifying Corruption-ism, Defying Social-ism
पीयूष जैन और पुष्पराज जैन के यहां छापे में मिले सैकड़ों करोड़ रुपए और करोड़ों का सोना मुलायम-अखिलेश परिवार का।
अखिलेश यादव का देश से लेकर विदेशों तक कई फार्म हाउस, चल-अचल सम्पत्तियां और लंदन में 7 स्टार होटल।
अखिलेश यादव, प्रतीक यादव और प्रतीक के साले अमन सिंह बिष्ट की दर्जनों फर्जी कंपनियां। एक ही पते और एक ही फोन नंबर पर रजिस्टर्ड हैं 16 फर्जी कंपनियां।
आयकर विभाग को भेजा गया फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपए के लेनदेन का प्रमाण, आयकर विभाग बेअसर।
यादव-कुनबे की फर्जी कंपनियों के जरिए माफिया सरगना छोटा शकील के करीबियों को हुए करोड़ों रुपए के भुगतान।
मुलायम परिवार की आय से अधिक सम्पत्ति की जांच की सीबीआई ने की लीपापोती। सीबीआई ने ही दाखिल कर दी फर्जी रिपोर्ट।
गोमतीनगर की बेशकीमती जमीनों की कौड़ियों के भाव हुई थी खरीद। मुलायम के रिश्तेदारों, नौकरशाहों, चाटुकारों और दलालों ने आपस में बांट ली थी करोड़ों की जमीनें। सीबीआई उस पर भी चुप।
मुलायम ने 2019 के लोकसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे में दर्ज नहीं किया था अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा। चुनाव आयोग ने शिकायत के बावजूद ध्यान नहीं दिया।
मुलायम-कुनबे की आय से अधिक सम्पत्ति का पर्दाफाश करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी की जनहित याचिका गुत्थियों में उलझा दी गई।
सरकारी तंत्र, निगरानी तंत्र, प्रशासनिक तंत्र, अदालती तंत्र... सब जप रहे भ्रष्टाचारवाद की जय और कर रहे समाजवाद की क्षय।

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