Sunday 23 January 2022

नेता बनने को बेताबः लोकतंत्र की कब्र खोद डालेंगे नौकरशाह



राजनीति में आने को बेताब नौकरशाह देश के पूरे शासन तंत्र को अपने कब्जे में लेना चाहते हैं। नौकरशाहों का राजनीति में पसरना लोकतंत्र के लिए अत्यंत घातक साबित होने वाला है। नेताओं को यह समझ में नहीं आता... भारत के नेता समझदार ही होते तो सत्तर साल बेमानी थोड़े ही गुजर जाते। आज लोगों के दिमाग में यह नैरेटिव इंजेक्ट किया जा रहा है कि नौकरशाहों के राजनीति में आने से आपराधिक छवि या अयोग्य लोगों के राजनीति में प्रवेश पर अंकुश लगेगा। लेकिन शातिर नौकरशाहों ने पिछले सत्तर साल में क्या किया..? नौकरशाहों ने जिस तरह देश की लोकतांत्रिक प्रशासनिक व्यवस्था (democratic system of governance) छिन्न-भिन्न की है, उसी तरह वे लोकतंत्र को भी छिन्न-भिन्न कर देंगे... इससे हमें सतर्क रहने की जरूरत है। राजनीति में पद पाने के लिए छटपटाते नौकरशाहों की भीड़ के समक्ष हम उन दो नौकरशाहों का उदाहरण भी रख रहे हैं जिनके योगदान से भारत को 'संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य' के रूप में खड़े होने की शक्ति मिली... आपसे आग्रह है कि यह कार्यक्रम देखें। आप शातिर नौकरशाहों के मंसूबों के प्रति सतर्क भी होंगे और दो राष्ट्रभक्त नौकरशाहों के अभूतपूर्व योगदान पर गर्व भी करेंगे, जिनके योगदान नेताओं ने सरकारी फाइलों में दबा दिए...

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