चुनाव ड्युटी पर गए आठ सौ शिक्षक कोरोना से मर गए, फिर भी योगी चुप हैं..!
यूपी के पंचायत चुनाव की ड्युटी में झोंके गए आठ सौ शिक्षकों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। इनमें बड़ी संख्या में महिला शिक्षक भी हैं। 10 हजार से अधिक शिक्षक कोरोना से भीषण रूप से आक्रांत हैं। अभी कई और शिक्षक जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहे हैं। आठ सौ शिक्षकों की दुखद मौत पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पूरी उत्तर प्रदेश सरकार चुप है। एक नेता या अफसर की मौत पर तीव्र गति से जारी होने वाला मुख्यमंत्री का शोक संदेश, शिक्षकों की मौत पर जारी नहीं हुआ। पंचायत चुनाव कराने के सत्ताई हठ पर सैकड़ों शिक्षक कुर्बान हो गए और उनका घर संसार उजड़ गया, इसके बावजूद सत्ता की उपेक्षा शर्मनाक है। अखबारों ने भी यह खबर अंदर के पन्नों पर छापी। जबकि यह खबर सारे अखबारों की समवेत-स्वीकार्य लीड यानी Unanimous Lead खबर होना चाहिए थी। यह कम शर्मनाक नहीं है। किसी भी अखबार ने आठ सौ शिक्षकों की मौत को केंद्रित करते हुए हेडिंग भी नहीं बनाई... सारे अखबारों ने शिक्षकों की मौत की खबर को अंडर-प्ले करने वाली हेडिंग्स लगाई। अमानवीयता की यह इंतिहा है... इसके आगे कुछ लिखना नहीं, आप खुद ही देखिए और महसूस करिए भारतीय लोकतंत्र के नियंताओं की संवेदनहीनता का चरम...
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