प्रिय साथियो,
2024 का लोकसभा चुनाव हो गया और अब उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव की प्रतीक्षा है। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की अप्रत्याशित जीत का कारण मुसलमानों का निर्णायक वोट रहा है। राहुल गांधी के पिछलग्गू की हैसियत में आए अखिलेश यादव की संसद में हो रही हरकतें, मुस्लिम तुष्टिकरण की बातें और दलितों पिछड़ों को लेकर दिखाई जा रही फर्जी संजीदगी से मुझे राष्ट्रीय साप्ताहिक अखबार चौथी दुनिया में तब की गई एक स्टोरी का बरबस ध्यान आ गया। तब समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार थी। समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा तब मुसलमानों के लिए गए वादे और उसके कार्यान्वयन को लेकर मैंने गहराई से जांच-पड़ताल की थी। नतीजा अत्यंत निराशाजनक, धोखाधड़ी से भरा और हास्यास्पद निकला। चौथी दुनिया में वह कवर स्टोरी बनी थी। समाजवादी पार्टी ने उस खबर का खंडन करने की हिम्मत नहीं की। यानी, समाजवादी पार्टी ने चुप्पी साध कर यह स्वीकार कर लिया कि प्रकाशित खबर प्रामाणिक थी। उसके बाद मैंने अपनी उस स्टोरी को आधार बना कर एक वीडियो कार्यक्रम भी बनाया... सपा की चुप्पी तब भी सधी रही। सपा और उसके नेता अखिलेश यादव ने वही पुराना धोखा-फार्मूला इस बार भी लोकसभा चुनाव में अपनाया... और आगे भी विधानसभा चुनाव में अपनाएंगे। ऐसे में उस समय का मेरा प्रोग्राम आज फिर मौजू हो गया है। आप सब देखें और सियासतदानों के मौलिक चरित्र का अंदाजा लगाएं...
2024 का लोकसभा चुनाव हो गया और अब उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव की प्रतीक्षा है। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की अप्रत्याशित जीत का कारण मुसलमानों का निर्णायक वोट रहा है। राहुल गांधी के पिछलग्गू की हैसियत में आए अखिलेश यादव की संसद में हो रही हरकतें, मुस्लिम तुष्टिकरण की बातें और दलितों पिछड़ों को लेकर दिखाई जा रही फर्जी संजीदगी से मुझे राष्ट्रीय साप्ताहिक अखबार चौथी दुनिया में तब की गई एक स्टोरी का बरबस ध्यान आ गया। तब समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार थी। समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा तब मुसलमानों के लिए गए वादे और उसके कार्यान्वयन को लेकर मैंने गहराई से जांच-पड़ताल की थी। नतीजा अत्यंत निराशाजनक, धोखाधड़ी से भरा और हास्यास्पद निकला। चौथी दुनिया में वह कवर स्टोरी बनी थी। समाजवादी पार्टी ने उस खबर का खंडन करने की हिम्मत नहीं की। यानी, समाजवादी पार्टी ने चुप्पी साध कर यह स्वीकार कर लिया कि प्रकाशित खबर प्रामाणिक थी। उसके बाद मैंने अपनी उस स्टोरी को आधार बना कर एक वीडियो कार्यक्रम भी बनाया... सपा की चुप्पी तब भी सधी रही। सपा और उसके नेता अखिलेश यादव ने वही पुराना धोखा-फार्मूला इस बार भी लोकसभा चुनाव में अपनाया... और आगे भी विधानसभा चुनाव में अपनाएंगे। ऐसे में उस समय का मेरा प्रोग्राम आज फिर मौजू हो गया है। आप सब देखें और सियासतदानों के मौलिक चरित्र का अंदाजा लगाएं...