Tuesday, 30 July 2024

बन कर मुसलमानों का सगा, जम कर मुसलमानों को ठगा


प्रिय साथियो,
2024 का लोकसभा चुनाव हो गया और अब उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव की प्रतीक्षा है। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की अप्रत्याशित जीत का कारण मुसलमानों का निर्णायक वोट रहा है। राहुल गांधी के पिछलग्गू की हैसियत में आए अखिलेश यादव की संसद में हो रही हरकतें, मुस्लिम तुष्टिकरण की बातें और दलितों पिछड़ों को लेकर दिखाई जा रही फर्जी संजीदगी से मुझे राष्ट्रीय साप्ताहिक अखबार चौथी दुनिया में तब की गई एक स्टोरी का बरबस ध्यान आ गया। तब समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार थी। समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा तब मुसलमानों के लिए गए वादे और उसके कार्यान्वयन को लेकर मैंने गहराई से जांच-पड़ताल की थी। नतीजा अत्यंत निराशाजनक, धोखाधड़ी से भरा और हास्यास्पद निकला। चौथी दुनिया में वह कवर स्टोरी बनी थी। समाजवादी पार्टी ने उस खबर का खंडन करने की हिम्मत नहीं की। यानी, समाजवादी पार्टी ने चुप्पी साध कर यह स्वीकार कर लिया कि प्रकाशित खबर प्रामाणिक थी। उसके बाद मैंने अपनी उस स्टोरी को आधार बना कर एक वीडियो कार्यक्रम भी बनाया... सपा की चुप्पी तब भी सधी रही। सपा और उसके नेता अखिलेश यादव ने वही पुराना धोखा-फार्मूला इस बार भी लोकसभा चुनाव में अपनाया... और आगे भी विधानसभा चुनाव में अपनाएंगे। ऐसे में उस समय का मेरा प्रोग्राम आज फिर मौजू हो गया है। आप सब देखें और सियासतदानों के मौलिक चरित्र का अंदाजा लगाएं...

Saturday, 27 July 2024

मोदी के पीछे पड़ी खूबसूरत चुड़ैल..!


मोदी के पीछे पड़ी खूबसूरत चुड़ैल..!
नरेंद्र मोदी के खिलाफ हुए और हो रहे देसी विदेशी और घरेलू षड्यंत्रों को खंगालने के क्रम में यह तीसरी कड़ी आपके समक्ष प्रस्तुत है। इन षडयंत्रों को चीन और अमेरिका मिल कर क्यों हवा पानी दे रहा है, इसे समझना जरूरी है। जो ऊपर ऊपर दिखता है उसके भीतर भीतर जाकर देखना जरूरी होता है। ...और जब आप भीतर का दृश्य देखेंगे तो आपको ऊपर के ठीक विपरीत और बदला हुआ कथानक दिखेगा। नरेंद्र मोदी के खिलाफ चले षडयंत्रों को समझने के लिए भीतर के धागे उधेड़ना बेहद जरूरी है। तो आइये, हम इस कथानक में घुसें, घूमें और जानें... ताकि उसके आगे की कड़ी खोलने के पहले हमारे दिमाग में देश विरोधी षडयंत्र को लेकर जो भी धुंध रहा हो, वह साफ हो जाए।

Thursday, 18 July 2024

मोसादेग के बाद मोदी..?


साजिशों में घिरा राष्ट्रभक्त... भारत की बढ़ती शक्ति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रभक्ति ने भारत को पंगु बना कर रखने की मानसिकता वाले विदेशी तत्वों और उनके देसी दलालों को परेशान कर रखा है। देश और देशभक्त दोनों को धराशाई करने की साजिशें परवान पर हैं। भारत को गुलाम बना कर रखने के आदती देशों और उनकी भारत में पलती-बढ़ती नस्लों को भारत का प्रधानमंत्री उसी तरह नहीं सोहा रहा, जैसे ईरान के स्वाभिमानी प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसादेग उन्हें नहीं सोहाते थे। गोरी नस्ल वालों का काला कुचक्र और ईरान की जूठनखोर जमातों के कुकृत्य से ईरान के राष्ट्रभक्त प्रधानमंत्री मोसादेग तो हार गए, लेकिन क्या ऐसा ही भारत के साथ भी होगा? यह सवाल देश के उन लोगों के सामने विकराल काया में खड़ा है, जिनके हृदय में देशप्रेम पलता है और जिनके आगे सोने के अनैतिक सिक्के का भी कोई मोल नहीं... वैसे ही रीढ़वान, नैतिक और देशभक्त साथी यह कार्यक्रम देखें और आगे की तैयारी करें... नरेंद्र मोदी के खिलाफ चले और चल रहे षड्यंत्रों का 'प्री-क्लाइमेक्स' देखेंगे अगले एपिसोड में। उसके बाद देखेंगे 'क्लाइमेक्स'...

Monday, 15 July 2024

लोकतंत्र हारा: पैसा, शराब, फरेब और झूठ जीता


विदेशों से आए धन पर खूब नाचे नेता, पत्रकार और वोटर
साजिश में विपक्षी और सत्तापक्षी दोनों बराबर थे शामिल
भाजपा नेताओं ने अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों को हराया
नरेंद्र मोदी को पराजित कर वे खुद बनना चाहते थे पीएम
लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार की समीक्षा के नाम पर भाजपा में शीर्ष से लेकर नीर्ष तक तमाम नौटंकियां अब भी जारी हैं... लेकिन कोई भी शीर्ष नेता समीक्षा बैठकों में आईना लेकर नहीं बैठ रहा। उसने भाजपा की दुर्गत करने में अपनी खुद की भूमिका क्या निभाई, वह देख नहीं रहा और न कोई दिखाने का साहस कर पा रहा है। इस बार के चुनाव में खास तौर पर बाहरी शैतानी शक्तियों और पश्चिम के विध्वंसक पूंजीपशुओं ने खुल कर खेला, अपने सारे हथकंडे इस्तेमाल किए। लेकिन इसे रोकने में अमित शाह का मंत्रालय पूरी तरह फेल रहा। मोदी के खिलाफ धन, दारू, झूठ और अफवाहों का बोलबाला रहा। वोटों की खुलेआम खरीद-बिक्री हुई। भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं ने नरेंद्र मोदी को हराने के लिए बाकी की कसर पूरी की। अन्य दलों का सहयोग लेकर नरेंद्र मोदी के बजाय खुद प्रधानमंत्री बनने के लिए बिसात बिछा दी गई थी। लेकिन संसद को अधर में डाल कर अपनी गोटी लाल करने की बिसात काम नहीं आई और भाजपा को इतनी सीटें आ गईं कि नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने में दिक्कत नहीं आई। केंद्रीय मंत्री रहे कौशल किशोर लखनऊ संसदीय क्षेत्र से सटे मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र से लगातार जीतते रहे हैं। कौशल किशोर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पड़ोसी सांसद रहे हैं। चुनाव से जुड़े तमाम प्रसंगों पर कौशल किशोर से विस्तार से बातचीत हुई। बातचीत लंबी जरूर है, लेकिन उसे सुनें तो कई ऐसे तथ्य मिलेंगे जो आपको भाजपा की खास तौर पर यूपी में हुई दुर्दशा की दशा दिखाएंगे...