Saturday, 30 July 2022

...तो अबतक क्या किया हमने..!

मैंने लिखा कुछ भी नहीं, तुमने पढ़ा कुछ भी नहीं...

चाहा कि मैं बहुत सा कहूं, लेकिन कहा कुछ भी नहीं...

चलो कहीं कोलाहल से दूर चलें, मौन भी तो सुनें कभी..!

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