सरकारी दस्तावेज बताते हैं कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अल्पसंख्यकों के कल्याण की योजनाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया। जबकि समाजवादी पार्टी की राजनीति अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण के बूते खड़ी है। अल्पसंख्यक समुदाय समाजवादी पार्टी पर भरोसा कर वोट डालता है, लेकिन उस समुदाय को यह भी पता चलना चाहिए कि समाजवादी पार्टी उनके लिए वाकई कुछ करती है या केवल राजनीतिक इस्तेमाल करती है। मीडिया को यह पड़ताल करनी चाहिए कि मुसलमानों का वोट लेकर सत्ता में आने वाली समाजवादी पार्टी सरकार में रहते हुए मुसलमानों के नैतिक-कल्याण के लिए क्या करती है।
No comments:
Post a Comment