Saturday 20 November 2021

कंगना पर गुर्राने वालों, खंडित आज़ादी पर इतराना छोड़ो...

 

खंडित आजादी स्वीकार कर मुस्लिम लीग और कांग्रेस ने सम्पूर्ण स्वतंत्रता आंदोलन पर कालिख पोत दी। मुस्लिम लीग और कांग्रेस के नेतृत्वकारी कुलीन चेहरों की काली करतूतें भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश के तीन दरके हुए चेहरों के रूप में पीढ़ियों दर पीढ़ियों को डराती रहेंगी। विभाजन के पाप को कोई सामने रख दे तो पापियों की नस्लों और उनके प्रतिउत्पादों को गुस्सा आने लगता है। यह देश तो सहिष्णुताधारी कायरों का है... इस देश में पौरुष जब-जब नाकारा साबित हुआ है, वीरांगनाएं जागी हैं... कंगना राणावत जैसी महिलाओं में पौरुष जागता है। खंडित शापित आजादी के चौहत्तर साल बाद भी इस देश में मर्दानगी नहीं जाग रही... तो फिर वीरांगनाएं जागेंगी ही। एक बार और झलक ले लीजिए देश को काट कर ली गई अपने-अपने हिस्से की आजादी के काले किस्से की... और एक बार फिर से देख लीजिए देश के इतिहास और देश की संस्कृति पर गंदगी फैलाने वाले नस्लदूषित नेताओं के बदनुमा चेहरे...

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