हम देश की आने वाली पीढ़ियों के साथ
गंभीर और अक्षम्य अपराध कर रहे हैं। हम कमजोर, कुपोषित और बौनी नस्लों की पीढ़ी दर
पीढ़ी तैयार करते चले जा रहे हैं। बौनी पीढ़ी के बूते हम भविष्य में विश्वगुरु
बनेंगे। बौने लोगों के बूते हम आसमान छूएंगे। बौने लोगों की भीड़ लेकर हम संसार का
सबसे बड़ा लोकतंत्र कहलाएंगे। बौने लोग ही संसद और विधानसभाओं में बैठेंगे। बौने
लोग ही हमारे महान भारत देश के नीति-नियंता बनेंगे। आपसे आग्रह है, यह समाचार-कार्यक्रम
देखें और स्थिति की भयावहता का अंदाजा लगाएं...
Saturday, 22 February 2025
'बौना' उत्तर प्रदेश..?
Sunday, 16 February 2025
विधानसभा में सरकार कहेगी... ना
भारत का लोकतंत्र अजब-गजब प्रकार का है। भारत में
सरकार किसी भी पार्टी की हो, चाल-चलन एक जैसा ही रहता है। सरकार आम नागरिक को महज
एक गिनती समझती है। वोट देने के अलावा आम आदमी की कोई औकात नहीं। जॉर्ज ऑरवेल का
प्रसिद्ध उपन्यास 'एनिमल फार्म' भारत की राजनीतिक-सामाजिक स्थितियों को देख कर ही
लिखा गया होगा। बिहार के मोतीहारी में पैदा हुए उस अंग्रेज लेखक पर भारतीय चाल-चरित्र
का कितना असर था, यह 'एनिमल फार्म' पढ़ कर समझ में आता है। ...अब आप 'एनिमल फार्म' को ध्यान में रख कर
यह छोटी सी खबर देखिए और सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की लोकतांत्रिक सरकार की लोकतांत्रिक-वास्तविकता
का अंदाजा लगाइये...
Subscribe to:
Posts (Atom)