Thursday 22 July 2021

उसकी मौत का दोषी कौन..? पूरा सिस्टम मौन...

वारदात को अंजाम देने वाला दोषी होता है या वारदात को उजागर करने वाला..? यह एक साधारण सवाल है। इसका जवाब भी उतना ही साधारण और स्वाभाविक है कि वारदात करने कराने वाला ही दोषी होता है। किसी वारदात की जांच घटना के दोषी को कानून की गिरफ्त में लेने के लिए होती है। जांच इसलिए नहीं होती कि घटना को उजागर करने वाले को ही कस दिया जाए और मुजरिम को उन्मुक्त छोड़ दिया जाए। लखनऊ के एक कोविड अस्पताल में लहूलुहान हालत में पाए गए रोगी की लाश कोविड-डेथ बताकर फुंकवा दी गई। रक्तरंजित अवस्था में हुई संदेहास्पद मौत की वजह जाने बगैर उसे कैसे फुंकवा दिया गया..? अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी..? मृत्यु की वजह जानने के लिए लाश का पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं कराया..? घटना को लेकर संदेह के घेरे में आए अस्पताल के अधिकारियों और डॉक्टरों को कानूनी सवालों में कसने के बजाय घटना को प्रकाश में लाने वाले पत्रकार से ही उल्टा क्यों पूछा जाने लगा कि साक्ष्य कैसे मिले, कहां से मिले..? क्या किसी वारदात की जांच ऐसे होती है..? क्या कोई नया कानून आया है, जिसमें वारदात की जांच करने के बजाय वारदात उजागर करने वाले पर ही जांच केंद्रित करने का प्रावधान हो..? इन सवालों को समझने के लिए आइए चलते हैं कहानी के विस्तार में...

No comments:

Post a Comment