बिहार और मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे यूपी के कद्दावर नेता लालजी टंडन अयोध्या के विवादास्पद बाबरी मस्जिद ढांचे के विध्वंस के कई अनखुले तथ्य उजागर करने के लिए एक किताब पर काम कर रहे थे। टंडन जी ने अपनी चर्चित पुस्तक 'अनकहा लखनऊ' की तरह अपनी आने वाली पुस्तक का नाम 'अनकहा विध्वंस' तय कर लिया था। लेकिन उनके दिवंगत होने से उनका यह प्रयास अधूरा रह गया। टंडन जी की मेरे साथ हुई बातचीत विशेष इसलिए भी है कि कई महत्वपूर्ण मसलों पर उन्होंने जिस तरह बेबाकी से बयान दिया, वह आश्चर्य में भी डालने वाला था। मसलन, सुप्रीम कोर्ट की प्राथमिकताओं पर तीखे सवाल उठाना और लखनऊ को लेकर लिखे गए इतिहास पर गहरी आपत्ति दर्ज करना, टंडन जी की स्वतंत्र विचारधारा और उसकी स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मौलिक स्वभाव को रेखांकित करता है। साक्षात्कार में टंडन जी ने साफ-साफ कहा था कि नियोजित षडयंत्र के तहत लखनऊ के इतिहास को एक खास काल-खंड में बांध कर उसे 'डिस्टॉर्ट' किया गया। बिहार के लिए टंडन जी ने जो खास बातें कहीं, बिहार के लोगों को इसे जरूर सुनना चाहिए।
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