Friday, 15 August 2025
भारत के टुकड़े खाने की भूख जारी है... (लेखन, स्वर, वीडियो-संपादन एवं प्र...
Saturday, 3 May 2025
ममता बनर्जी 302 की मुजरिम है...
आप अपने हृदय की धड़कन से तय करें... फिर चाहें
तो यह छोटी सी प्रस्तुति देखें और अपने विवेक के सूक्ष्म और विस्तार के प्रिज्म से
देश की दशा-दिशा का अवलोकन करें, चिंतन करें और निर्णय करें... शुभकामनाएं
Saturday, 22 February 2025
'बौना' उत्तर प्रदेश..?
हम देश की आने वाली पीढ़ियों के साथ
गंभीर और अक्षम्य अपराध कर रहे हैं। हम कमजोर, कुपोषित और बौनी नस्लों की पीढ़ी दर
पीढ़ी तैयार करते चले जा रहे हैं। बौनी पीढ़ी के बूते हम भविष्य में विश्वगुरु
बनेंगे। बौने लोगों के बूते हम आसमान छूएंगे। बौने लोगों की भीड़ लेकर हम संसार का
सबसे बड़ा लोकतंत्र कहलाएंगे। बौने लोग ही संसद और विधानसभाओं में बैठेंगे। बौने
लोग ही हमारे महान भारत देश के नीति-नियंता बनेंगे। आपसे आग्रह है, यह समाचार-कार्यक्रम
देखें और स्थिति की भयावहता का अंदाजा लगाएं...
Sunday, 16 February 2025
विधानसभा में सरकार कहेगी... ना
Wednesday, 29 January 2025
राम मंदिर की जय में सीता मंदिर का क्षय क्यों?
पूरे देश में राम राम की गूंज है। पूरा देश आध्यात्मिकता
में सराबोर है। राम राम के प्रायोजित शोर में मंदिरों मठों की अकूत सम्पत्तियों का
वारा-न्यारा हो रहा है। अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में ही महात्म्य और महत्व
से परिपूर्ण सीता की रसोई मंदिर, मठ और उसकी सम्पत्ति राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने
अपने कब्जे में ले ली है। ऐतिहासिक एवं पौराणिक सीता की रसोई मंदिर ध्वस्त कर उसे राम
मंदिर निर्माण की मिट्टी में विलीन कर दिया गया। सीता की रसोई मंदिर में रखी
पौराणिक मूर्तियां गायब हैं। राम राम के शोर में सीता माता गायब हैं। इसके पीछे
गहरी षडयंत्र-कथा है। इस कार्यक्रम के जरिए इस कथा पर थोड़ी रौशनी डालने की कोशिश
की गई है। षडयंत्र के कुछ सूत्र खोलने की कोशिश की गई है। सीता की रसोई का
उत्तराधिकारी होने का दावा करने वाले संतोष दास की बातें भी इस सार्वजनिक फोरम पर
रख दी गई हैं। आप देखें, तय करें और अपना मंतव्य दें...
Tuesday, 24 December 2024
भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस नहीं, ज़ीरो कंट्रोल बोलिए
उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का ज़ीरो-टॉलरेंस है। ऐसा यूपी सरकार कहती है। विशाल खर्चों पर हो रहे विशाल विज्ञापनों के जरिए ऐसा ही कहा जा रहा है। इसी कहने और ढोल पीटने के नियोजित शोर में समानान्तर सच जानना भी जरूरी है। आज आपके सामने राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन यानी नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) में व्याप्त अराजकता और भ्रष्टाचार के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहा हूं। इससे आपको अहसास होगा कि शासन का भ्रष्टाचार पर
कितना नियंत्रण है या असलियत में कितनी मिलीभगत है। यह वही एनएचएम है, जिसकी ग्रामीण शाखा अर्थात राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का अरबों का घोटाला लोगों को आज तक याद है। घोटाले में हुई सिलसिलेवार हत्याएं याद हैं... और उन हत्याओं पर किस तरह पर्दा डाला गया, यह भी लोगों को याद है। बाद के दौर में ग्रामीण और शहरी दोनों एनएचएम में मिश्रित हो गए और एनएचएम मिश्रित भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया। धन के लिए एनएचएम किसी भी स्तर पर गिरने के लिए तैयार है। धोखाधड़ी,
फर्जीवाड़ा और गैर कानूनी निर्णय भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस पर भद्दे मजाक
की तरह चस्पा हो रहा है। नेशनल हेल्थ मिशन के बजाय यह नीति हीन मिशन हो गया है। उसे आप देखें और भ्रष्टाचार पर
सरकार ज़ीरो टॉलरेंस की असलियत समझें...