देश की धड़कन के साथ जिस नागरिक का हृदय
स्पंदित होता है... देश की दुर्दशा पर उसी नागरिक का हृदय दुखता भी है। ये जो 'प्रतिष्ठित' नागरिक बने सफेदपोश, भगवापोश, हरितपोश
और नकाबपोश लोग मंचों पर या सड़कों पर दिखते हैं... उनसे सावधान रहें। वह नेता हो
सकता है, पंडा हो सकता है, मुल्ला हो सकता है, धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील हो सकता है।
वह जज भी हो सकता है। सतर्क रहें...
आप अपने हृदय की धड़कन से तय करें... फिर चाहें
तो यह छोटी सी प्रस्तुति देखें और अपने विवेक के सूक्ष्म और विस्तार के प्रिज्म से
देश की दशा-दिशा का अवलोकन करें, चिंतन करें और निर्णय करें... शुभकामनाएं